वरुण गांधी के पास दो ही विकल्प : समर्पण या संघर्ष

ऐसी शख्सियत जिसका राजनीतिक घराना सबसे पुराना है और आजादी में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसके परिवार के तीन तीन प्रधानमंत्री हुए। वो शख्सियत हैं। वरुण गांधी वरुण गांधी का टिकट भारतीय जनता पार्टी ने काट दिया है उनकी माता को मेनका गांधी को सुल्तानपुर से टिकट दिया है। अब सवाल यह है कि वरुण गांधी के पास विकल्प क्या है ? वरुण गांधी ने सांसद बनने के बाद जो तेवर अपनाया भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ तो निश्चित रूप से यह अटल अडवाणी की पार्टी नहीं है। यह अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी है उनकी सरकार है। जिस तेवर के साथ वरुण गांधी ने सरकार के खिलाफ समस्याओं को लेकर युवाओं के मुद्दों, और तमाम मुद्दे उठाए जो सरकार के खिलाफ जाते थे तो निश्चित रूप से माना जाता था कि वरुण गांधी को टिकट मिलना बहुत मुश्किल है और अंत में वही हुआ। वरुण गांधी का टिकट काटकर गांधी परिवार के नजदीकी रहे जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया गया।