बिजनौर संसदीय क्षेत्र: आरएलडी काजाट-गुर्जर कॉम्बिनेशन क्या दिला पायेगा जीत

आकड़ों के आईने में बिजनौर लोकसभा संसदीय क्षेत्र

बसपा के जाट दांव से आरएलडी की चिंता बढ़ गई है। सपा से सैनी उम्मीदवार उतरने से भी आरएलडी की राह आसान नहीं दिख रही है। जाट वोटों में बिखराव होता साफ दिख रहा है तो मुस्लिमों का तबका धीरे-धीरे बसपा के पक्ष में खड़ा हो रहा है। ऐसे में मुस्लिम-दलित और जाट समीकरण के जरिए बसपा अपनी जीत की उम्मीद लगाए हुए है तो सपा सैनी और मुस्लिम समीकरण के सहारे जीत की आस लगाए हुए है. ऐसे में आरएलडी ने जाट-गुर्जर कॉम्बिनेशन का दांव खेला है, लेकिन बसपा के जाट उम्मीदवार उतारने से टेंशन बढ़ गई है।

आरएलडी के खाते में यह सीट आई है जहाँ से चंदन चौहान मैदान में है तो सपा ने दीपक सैनी को उतारा है। इस सीट पर बसपा ने वीजेंद्र सिंह चौधरी के रूप में जाट समुदाय पर भरोसा जताया है। इस संसदीय सीट में जातीय समीकरण इस संसदीय सीट में जातीय समीकरण मुस्लिम 27%, अनुसूचित जाति 21% (चमार 16%, बाल्मीकी 4%), जाट 16.8%, वैश्य 6.5%, राजपूत 5.8%, ब्राह्मण 6.4%, त्यागी 4.6%, कहार 4% पिछड़ी जाति व अन्य 7.9% है।

इस संसदीय क्षेत्र में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है।

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