डा डाटा स्ट्रीट- देश का आम बजट 2024 (Budget 2024) आज संसद में पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) सुबह 11 बजे संसद में लगातार सातवीं बार बजट भाषण देंगी। देश में लगातार तीसरी बार बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार (Modi 3.0) का ये पहला बजट है। हालांकि, सरकार के पिटारे से क्या-क्या निकलेगा ये तो बजट पेश होने पर ही पता चलेगा, लेकिन इससे पहले हम यहां आपको देश के Budget से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बता रहे हैं, जिन्हें शायद आप नहीं जानते होंगे।
कहां से आया Budget शब्द?
बजट (Budget) को लेकर लगातार चर्चा होती रहती है, ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार आम से लेकर खास लोगों के लिए इसमें ऐलान जो करती है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि आखिर ये ‘Budget’ शब्द आया कहां से, ये खास शब्द फ्रेंच भाषा के लातिन शब्द ‘बुल्गा’ से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ होता है चमड़े का थैला।बुल्गा से फ्रांसीसी शब्द बोऊगेट की उत्पति हुई। इसके बाद अंग्रेजी शब्द बोगेट अस्तित्व में आया और इसी बोगेट शब्द से ‘बजट’ शब्द की उत्पत्ति हुई. इसलिए पहले बजट चमड़े के बैग में ही लेकर आया जाता था और संसद के पटल पर रखा जाता था.
पहला बजट अंग्रेजों ने पेश किया था
बजट शब्द की उत्पत्ति के बाद बात करते हैं देश में पेश होने वाले आम बजट की, तो इससे पहले जान लें कि ये Budget दरअसल, सरकार की ओर से जनता के सामने पेश किया जाने वाला सालभर के लिए देश की आय और खर्च का लेखा-जोखा होता है।इसकी शुरुआत सबसे पहले ब्रिटेन (UK) में की गई थी और भारत में पहली बार बजट ब्रिटिश काल में ही पेश किया गया था. देश में 7 अप्रैल 1860 को पहली बार बजट पेश किया गया था, जिसे ब्रिटिश सरकार में वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पढ़ा था।
आजाद भारत का पहला बजट?
जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था, उसी समय देश में पहला बजट भी पेश किया गया था. ये अंग्रेजों के शासनकाल में 1860 में पेश किया गया था। अब बात करें आजाद भारत के पहले बजट की, तो इसे साल 1947 में पेश हुआ था। अंग्रेजों के देश छोड़ने के बाद स्वतंत्र भारत में देश के पहले वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को Budget पेश किया था. 1892 में जन्मे षण्मुखम चेट्टी एक वकील, राजनेता, और जाने-माने अर्थशास्त्री भी थे।
जब वित्त मंत्री की जगह प्रधानमंत्रियों पढ़ा बजट
आजादी के बाद देश का आम बजट हमेशा ही सरकार में वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता रहा. लेकिन इस बीच तीन बार ऐसे मौके भी आए, जब वित्त मंत्री की जगह देश के प्रधानमंत्रियों ने संसद में Budget भाषण पढ़कर इसे पेश किया. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भारत का बजट पेश करने वाले शीर्ष पद पर बैठने वाले पहले व्यक्ति थे. उन्होंने 13 फरवरी 1958 को वित्त विभाग संभाला और बजट पेश किया. इसके अलावा इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए बजट पेश किया था।
ऐसा वित्त मंत्री जो पेश नहीं कर सकता बजट
भारत के बजट इतिहास में एक ओर जहां वित्त मंत्री की जगह प्रधानमंत्रियों ने आम बजट पेश किया, तो वहीं दूसरी ओर एक वित्त मंत्री (Finance Minister) ऐसे भी थे, जो अपने कार्यकाल में कोई बजट ही पेश नहीं कर पाए. जी हां हम बात कर रहे हैं केसी नियोगी की, जो भारत के अकेले ऐसे वित्त मंत्री रहे, जिन्होंने इस पद पर रहते हुए भी एक भी बजट पेश नहीं किया. दरअसल, वे महज 35 दिनों तक 1948 में वित्त मंत्री रहे थे. भारतीय गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जान मथाई ने पेश किया था।