क्या हुआ पेरिस ओलंपिक में 50 पदक जीतने की नीति आयोग की इस योजना का?

विनेश फोगाट ने जैसे ही पेरिस ओलंपिक में चार बार की वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को प्री क्वार्टर फाइनल में हराया, तो पूरी दुनिया हैरान रह गई। विनेश फोगाट ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में एक भी मैच न हारने वाली रेसलर को मात दी थी। अंतिम 15 सेकंड में विनेश ने पूरी बाजी पलटते हुए उन्होंने क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली थी। लेकिन बुधवार को जैसे ही खबर आई कि 50 किग्रा कैटेगरी में मात्र कुछ ग्राम वजन ज्यादा होने से विनेश फोगाट को डिसक्वॉलिफाई कर दिया गया। विनेश के हाथ से कुश्ती का गोल्ड/सिल्वर मेडल हाथ आते-आते रह गया। वहीं इस पर विपक्षी दलों ने किसी बड़ी साजिश की आशंका जताई है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है, अभी भारत की झोली में केवल 3 कांस्य पदक आए हैं। लेकिन 9 साल पहले 2016 में नीति आयोग ने दावा किया गया था कि आने वाले ओलंपिक में भारत की झोली में कम से कम 50 पदक होंगे, लेकिन पदक तालिका में भारत दूर-दूर तक नहीं है।

नीरज चोपड़ा पर टिकीं निगाहें
बुधवार को 50 किग्रा कैटेगरी में विनेश का कुश्ती से बाहर होना वाकई स्तब्ध करने वाला है। विनेश का क्वार्टर फाइनल का मुकाबला होना था, जिसमें उनका गोल्ड नहीं तो कम से कम सिल्वर मेडल जीतना तय माना जा रहा था। लेकिन उनके डिसक्वॉलिफाई होने से 140 करोड़ भारतवासियों के सपनों को बड़ा झटका लगा है। हालांकि पदक की उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं क्योंकि पेरिस ओलंपिक में जैवलिंग थ्रो के क्वॉलिफिकेशन राउंड में एथलीट नीरज चोपड़ा ने फाइनल में जगह पक्की कर ली है। टोक्यो गोल्ड मेडल विजेता नीरज ने पहले ही थ्रो में 89.34 मीटर भाला फेंका। फाइनल मुकाबला आठ अगस्त को भारतीय समयानुसार देर रात 11.50 बजे से होगा।

2016 से 2024 ओलंपिक तक ये रही भारत की रैंकिंग
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत 3 कांस्य पदकों के साथ 63वें स्थान पर है। ये तीनों ही मेडल 50 मीटर राइफल (स्वप्निल कुसाले), 10 मीटर एयर पिस्टल महिला (मनु भाकर), 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड (मनु भाकर और सरबजोत सिंह) मुकाबलों में मिले हैं। 11 अगस्त तक चलने वाले पेरिस 2024 ओलंपिक में पांच रिज़र्व सहित कुल 117 भारतीय एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा खेल अधिकारी समेत सहयोगी स्टाफ के 140 सदस्य भी पेरिस ओलंपिक पहुंचे हैं। इससे पहले 2020 में हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत के 119 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। जिनमें 29 (11 महिला और 18 पुरुष) खिलाड़ी एथलेटिक्स से, निशानेबाजी (21) और हॉकी (19) खिलाड़ी शामिल थे। खास बात यह रही कि टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 7 मेडल अपने नाम किए। जिनमें नीरज चोपड़ा (गोल्ड मेडल), मीराबाई चानू और रवि दहिया (2 सिल्वर) और पीवी सिंधु, लवलीना बोरगोहेन, बजरंग पूनिया और भारतीय पुरुष हॉकी टीम को 4 ब्रॉन्ज मेडल मिले थे। वहीं 2016 हुए रियो ओलंपिक की बात करें, तो इसमें भारत का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था और भारत के खाते में केवल एक रजत और एक कांस्य पदक ही आए थे। रियो में 56 पदकों के साथ रूस चौथे स्थान पर रहा। जबकि चीन को 70 और ब्रिटेन को 67 मेडल मिले थे। रियो ओलंपिक में भारत की रैंकिंग 67 थी। यहां तक कि उत्तर कोरिया भी सात पदकों के साथ भारत से ऊपर था।

‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ साबित हुआ 50 पदक का दावा
सूत्रों ने बताया कि रियो ओलंपिक में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर नीति आयोग ने लेट्स प्ले (चलो खेलें) (एक्शन प्लान फॉर रिवाइटलाइजिंग स्पोर्ट्स इन इंडिया) नाम से एक योजना पत्र तैयार किया था। जिसमें नीति आयोग ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए ओलंपिक में बड़ा प्रदर्शन करने का लक्ष्य रखा था। पदकों की कमी से जूझ रहे देश को ओलंपिक में शीर्ष स्थान दिलाने के लिए नीति आयोग ने नौ वर्षीय योजना बनाई थी। जिसमें नीति आयोग ने 2024 पेरिस ओलंपिक में 50 पदक जीतने का लक्ष्य रखा था। 2024 के पेरिस ओलंपिक में भी नीति आयोग का 50 पदक का दावा ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ साबित हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गठित किया था पैनल
नीति आयोग ने इस योजना को दो भागों में बांटा था, जिसके पहले भाग में अगले चार से आठ सालों में किए जाने वाले अल्पकालिक उपाय शामिल थे, जबकि दूसरे हिस्से में आठ से 15 सालों में उठाए जाने वाले कदम शामिल थे। उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले तीन ओलंपिक 2020 (टोक्यो), 2024 (पेरिस) और 2028 (लॉस एंजिल्स) के लिए रोड मैप तैयार करने के लिए एक पैनल भी गठित किया था। योजना में कहा गया था कि ओलंपिक में पदक लाने के लिए 10 खेलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया था कि केन्या और जमैका जैसे देश केवल दो ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेते हैं, लेकिन वे 110 और 78 पदक जीतने में सफल रहे हैं।

2026 तक 100 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की हो मेजबानी
नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि अगले चार सालों में ट्रेनिंग और कोचिंग कार्यक्रम, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक मदद और ड्रग टेस्ट कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इसके अलावा ओलंपिक में खिलाड़ियों के पिछले प्रदर्शन और वर्ल्ड रैंकिंग के आधार पर तीन कैटेगरी में रैंकिंग देने का सुझाव दिया गया था। इसके अलावा आदिवासी और ग्रामीण इलाकों से नई प्रतिभाओं की खोज की भी वकालत की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत 2026 तक कम से कम 100 प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी करे। साथ ही, छोटी उम्र में ही प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें भविष्य के खिलाड़ियों के तौर पर ट्रेनिंग देने की बात कही गई थी।

IPL की तरह 10 खेलों के लिए बने टीम लीग
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि प्रकाश पादुकोण की बैडमिंटन अकादमी की तरह ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाएं। वहीं, क्रिकेट से प्रेरणा लेते हुए, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की तर्ज पर 10 सलेक्टेड खेलों के लिए टीम लीग बनाने का सुझाव दिया गया था। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया था कि 5 से 35 वर्ष की आयु के सभी खिलाड़ियों को कवर करने के लिए राष्ट्रीय खेल चोट बीमा योजना लागू की जाए। साथ ही, खेल निकायों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक, 2013 का मसौदा लागू करने का सुझाव दिया था।

रिटायर खिलाड़ियों को बनाएं कोच, एडवाइजर
नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में था कि स्पेशल एरिया गेम्स (एसएजी) योजना को पैसा नहीं मिल पा रहा है, उसके लिए फंड उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही, सर्वश्रेष्ठ विदेशी और घरेलू कोचों को नियुक्ति का भी सुझाव दिया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि रिटायर खिलाड़ियों को कोच, एडवाइजर और संरक्षक बनाने के लिए एक विशेष प्रोत्साहन पैकेज देने पर काम किया जा सकता है। साथ ही, कोचों को भी रैंकिंग देने का सुझाव दिया था।