भारत बनाम बांग्लादेश दो मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच 27 सितंबर को शुरू हुआ और तीसरे दिन तक महज 35 ओवर का खेल हो पाया था। पहले दिन 35 ओवर का खेल हुआ था, जबकि दूसरे और तीसरे दिन तो एक भी बॉल नहीं फेंकी जा सकती थी। चौथे दिन जब खेल शुरू हुआ, तो ऐसा लग रहा था कि मैच ड्रॉ होगा। कप्तान रोहित शर्मा और इंडियन थिंक टैंक ने हालांकि कुछ और ही सोच रखा था। कानपुर टेस्ट जिस अंदाज में टीम इंडिया ने जीता है, उसे सालों तक याद रखा जाएगा। जिस अटैकिंग अप्रोच के साथ टीम इंडिया ने इस टेस्ट मैच को जीता है, उसे मिसाल के तौर पर बाकी टीमों के सामने रखा जाएगा। चेन्नई में पहला टेस्ट 280 रनों से जीतने के बाद टीम इंडिया ने दूसरा टेस्ट मैच सात विकेट से अपने नाम कर सीरीज 2-0 से क्लीन स्वीप कर ली और आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023-25 पॉइंट्स टेबल में पहले नंबर पर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली। 95 रनों का लक्ष्य भारत ने 18 ओवर पूरे होने से पहले ही हासिल कर लिया। ऋषभ पंत के चौके से भारत ने सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली।
खास बात इस जीत की यह रही कि किसी ने भी निराश किया और पूरे मैच में किसी ना किसी तरह योगदान दिया। चौथे और पांचवें दिन टीम इंडिया की बॉलिंग, फील्डिंग और बैटिंग ने जो कमाल किया उसे सदियों तक याद रखा जाएगा। इस जीत की चार खास बातें कुछ इस तरह हैं-
कप्तान और टीम इंडिया का अग्रेसिव अप्रोच
रोहित भले ही काफी कूल कप्तान हैं, लेकिन जब मैच की रणनीति की बारी आती है, तो उनका अप्रोच काफी अग्रेसिव हो जाता है और यह हम पहले भी देख चुके हैं। केएल राहुल ने मैच के पांचवें दिन के खेल से पहले बताया था कि चौथे दिन जब टीम इंडिया को बैटिंग के लिए उतरना था रोहित ने क्लियर मैसेज दिया था, आउट हो जाएं तो हो जाएं, लेकिन बचे हुए समय में जो कर सकते हैं वो करना है। भारतीय टीम के हर एक बैटर ने इस बात की गांठ बांध ली थी। भारत ने 34.4 ओवर में 9 विकेट पर 285 रनों पर पारी घोषित कर दी। 10 बैटर्स जो मैदान पर उतरे थे, उनमें से महज तीन ऐसे थे, जिनका स्ट्राइक रेट 100 या इससे ऊपर था। खुद कप्तान रोहित दो छक्के के साथ अपनी पारी का आगाज कर बाकियों के लिए एक उदाहरण रख दिया था। भारत ने पहली पारी में टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज 50, 100, 150, 200 और 250 बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी इसी मैच में बनाया।
बॉलिंग में नहीं दी कोई ढील
बांग्लादेश की ओर से पहली पारी में मुशफिकुर रहीम और मोमिनुल हक टिटकर बैटिंग कर रहे थे। चौथे दिन जब टीम इंडिया बॉलिंग के लिए उतरी तो कप्तान रोहित ने अटैकिंग फील्ड भी लगाई और गेंदबाजों का रोटेशन भी बेहतरीन तरीके से किया। बांग्लादेश की पहली पारी में जसप्रीत बुमराह ने तीन, मोहम्मद सिराज, आर अश्विन, आकाश दीप ने दो-दो और रविंद्र जडेजा ने एक विकेट चटकाया। गेंदबाजों ने एक यूनिट के तौर पर दमदार प्रदर्शन किया और कप्तान ने भी समय-समय बॉलिंग में बदलाव बढ़िया ढंग से किया।
जीत की महक आना हुई शुरू
बांग्लादेश की दूसरी पारी के साथ ही भारत को जीत की महक आना शुरू हो गई थी। 36 रनों तक जाकिर हसन, हसन महमूद और मोमिनुल हक को आर अश्विन ने पवेलियन भेज दिया था। शादमान इस्लाम और कप्तान नजमुल शंटो ने भले कुछ देर बांग्लादेश की पारी को संभाला, लेकिन जैसे ही रविंद्र जडेजा ने शंटो का डिफेंस तोड़ उनको क्लीन बोल्ड किया, टीम इंडिया ने फिर बांग्लादेश को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। बांग्लादेश दूसरी पारी में 146 रनों पर ऑलआउट हो गया। शादमान ने 50 रनों की पारी खेली, जबकि शंटो ने 19 और मुशफिकुर रहीम ने 37 रनों का योगदान दिया। दूसरी पारी में बुमराह, अश्विन और जडेजा ने तीन-तीन विकेट चटकाए और एक विकेट आकाश दीप के खाते में गया।
यशस्वी ने दूसरी पारी में भी दिखाया रौद्र रूप
यशस्वी जायसवाल ने पहली पारी में 51 गेंदों पर 72 रन ठोके, वहीं दूसरी पारी में भी उनका बैट तेजी से चला। रोहित शर्मा और शुभमन गिल सस्ते में निपट गए, लेकिन यशस्वी के बैट में कहीं से भी ब्रेक नहीं लगा। दूसरी पारी में यशस्वी ने 43 गेंदों पर पचासा ठोका। जायसवाल दूसरी पारी में 45 गेंदों पर 51 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन तब तक वह टीम इंडिया को जीत की दहलीज पर पहुंचा चुके थे।