रेलवे की नौकरी के बदले जमीन लिखवाने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मनी लॉन्ड्रिंग केस में कोर्ट ने पूर्व रेलमंत्री लालू यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को बेल दे दिया है। अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी। ईडी ने अगस्त में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था जिसके बाद कोर्ट ने लालू, तेजस्वी व तेज प्रताप को हाजिर होने कहा था। सोमवार सुबह लालू अपने बेटों और सांसद बेटी मीसा भारती के साथ कोर्ट पहुंचे थे। सीबीआई वाले मुकदमे में लालू, राबड़ी देवी और मीसा भारती को पिछले ही साल जमानत मिल गई थी। तेज प्रताप पहली बार इस केस के लपेटे में आए हैं। आरोप है कि जमीन की एक खरीद-बिक्री में वो भी शामिल थे।
जमानत के बाद कोर्ट से निकलते समय मीडिया के सवालों के जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा कि बार-बार ये लोग राजनीतिक साजिश करते रहते हैं। जितने एजेंसी है, उसका दुरुपयोग करते रहते हैं। तेजस्वी ने कहा कि इस केस में कोई दम नहीं है. हम लोगों की जीत तय है. कोर्ट ने लालू और उनके बेटों को 1-1 लाख रुपए के बॉन्ड पर जमानत दी है। सीबीआई वाले केस में अक्टूबर 2023 में लालू, राबड़ी और मीसा को 50-50 हजार रुपए के बॉन्ड बर बेल दिया गया था। सीबीआई ने 7 जून को केस में तीसरी और आखिरी चार्जशीट दाखिल कर दी थी। सीबीआई ने लालू, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और तेज प्रताप यादव समेत 78 लोगों को आरोपी बनाया है।
लालू परिवार की वो सात लैंड डील जिसने खड़ी की मुसीबतें, किसने किसे लिखी जमीन?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 18 मई, 2022 को नौकरी के बदले जमीन लिखवाने की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआई के बाद ईडी ने भी मामला दर्ज कर लिया और घोटाला के पैसों की हेरा-फेरी की जांच शुरू कर दी। ईडी ने भी इस केस में अपनी जांच पूरी करके 6 अगस्त को अपनी अंतिम चार्जशीट दाखिल कर दी है।
पहली बार तेज प्रताप यादव की पेशी, लैंड फॉर जॉब केस में सपरिवार हाजिर हुए लालू
लालू यादव के परिवार के सदस्यों पर रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी पाने वाले कुछ लोगों से महंगी जमीन बहुत सस्ते में अपने नाम पर करवाने का आरोप है। सीबीआई ने जमीन खरीद-बिक्री के जिन 7 मामलों को पकड़ा है उसमें तीन जमीन राबड़ी देवी, एक जमीन मीसा भारती और एक प्लॉट एके इन्फोसिस्टम्स के नाम लिखवाई गई है। दो जमीन हेमा यादव को गिफ्ट में दी गई है। सीबीआई और ईडी की जांच के केंद्र में दिल्ली का एक चार मंजिला बंगला भी है जिसे इस केस में आरोपी बनाई गई कंपनी ने राबड़ी और तेजस्वी के नाम कर दिया गया था। इस बंगले की कीमत पिछले साल 150 करोड़ आंकी गई थी।