जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे।
पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ के रविवार, 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद जस्टिस संजीव खन्ना ने सीजेआई के रूप में पदभार संभाला। शुक्रवार, 8 नवंबर को अपने अंतिम कार्य दिवस पर अपने विदाई भाषण में, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस खन्ना के भविष्य के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया, अपने उत्तराधिकारी को ‘गरिमापूर्ण, स्थिर और न्याय के लिए गहराई से प्रतिबद्ध’ बताया था।
1 मई 2025 तक होगा कार्यकाल
पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने 17 अक्टूबर को अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश की थी। इसके बाद केंद्र ने 24 अक्टूबर को जस्टिस खन्ना की नियुक्ति को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया। सीजेआई संजीव खन्ना 6 महीने से थोड़ा अधिक का कार्यकाल पूरा करेंगे और 1 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
वकालत के पेशे से जुड़ा परिवार
दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस देव राज खन्ना के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एच आर खन्ना के भतीजे हैं। जज संजीव खन्ना को 18 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रोमोट किया गया था। वह लंबित मामलों को कम करने और न्याय मुहैया कराने में तेजी लाने पर जोर देते रहे हैं।