चाचा के सामने भतीजा, दांव पर सीएम की प्रतिष्ठा; महाराष्ट्र विधानसभा के टॉप-5 मुकाबले

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। 288 सीटों वाले इस प्रदेश में महायुति और महाविकास अघाड़ी गठबंधन आमने-सामने हैं। इसमें कई हाई-प्रोफाइल मुकाबले भी हैं। चुनाव प्रचार के लिए महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नाम नजर आ चुके हैं। बता दें कि महाराष्ट्र की 288 सीटों में से 29 एससी, 25 एसटी के लिए रिजर्व हैं। इन 288 सीटों पर कुल 4,140 उम्मीदवार मैदान में हैं। आइए एक नजर डालते हैं पांच महामुकाबलों पर…

वर्ली: मिलिंद देवड़ा बनाम आदित्य ठाकरे बनाम संदीप देशपांडे
इन हाई प्रोफाइल सीटो में से मुंबई की वर्ली सिटी एक है। यहां पर शिंदे सेना के मिलिंद देवड़ा, शिवसेना-यूबीटी के आदित्य ठाकरे और मनसे नेता संदीप देशपांडे के बीच मुकाबला है। मिलिंद देवड़ा दक्षिणी मुंबई से पूर्व सांसद हैं। वह यहां पर शहरी मध्य वर्ग के वोटर पर पूरी तरह से निर्भर हैं। बता दें कि यूपीए-2 सरकार के दौरान वह केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। दूसरी तरफ आदित्य ठाकरे ने 2019 में पहली बार चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने 89,248 वोटों से बड़ी जीत हासिल की थी। तब उन्होंने एनसीपी के सुरेश माने को हराया था। माने को तब मात्र 21,821 वोट ही मिले थे। इस सीट पर तीसरा नाम संदीप देशपांडे का है। संदीप ने अपनी पहचान स्थानीय मुद्दों पर काम करके बनाई है। खासतौर पर वर्ली में मराठी भाषी लोगों में उनकी काफी पकड़ है।

बारामती: पवार वर्सेस पवार
बारामती वह सीट है, जहां मुकाबला पवार बनाम पवार है। इस बार आमने-सामने हैं डिप्टी सीएम अजित पवार और उनके भतीजे युगेंद्र पवार। पिछली बार अजित पवार की पत्नी और सुप्रिया सुले के बीच मुकाबला था। इसमें अजित पवार गुट को हार का मुंह देखना पड़ा था। इस बार अजित पवार खुद मैदान में हैं। वहीं, युगेंद्र के सिर पर शरद पवार का हाथ है। अजित पवार सात बार से यहां से विधायक हैं। साल 2019 में उन्होंने बारामती में करीब 1.95 लाख वोट हासिल किए थे।

वांद्रे पूर्व: जीशान सिद्दिकी बनाम वरुण सरदेसाई
वांद्रे पूर्व सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प है। यहां पर जीशान सिद्दिकी और वरुण सरदेसाई आमने-सामने हैं। जीशान सिद्दिकी के पास युवाओं और मुस्लिमों का समर्थन है। जीशान स्थानीय मुद्दों के लिए हमेशा सक्रिय रहते हैं। वहीं, पिता बाबा सिद्दिकी की हत्या से उपजी सहानुभूति भी उनके पक्ष में काम करेगी। उनके मुकाबले में उद्धव ठाकरे के भतीजे वरुण सरदेसाई हैं। वह साल 2022 में शिवसेना में हुए बंटवारे के बाद से ही उद्धव ठाकरे सेना के साथ बने हुए हैं। वांद्रे ईस्ट में शिवसेना के परंपरागत वोटों में उनकी खासी पहुंच है।

नागपुर दक्षिण पश्चिम: देवेंद्र फडणवीस बनाम प्रफुल्ल गुदाढे़
इस सीट पर प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। वह 2009 के बाद से नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट पर लगातार तीन बार से जीत रहे हैं। अगर फडणवीस इस साल भी जीतते हैं तो यह उनकी चौथी जीत होगी। साल 2019 के चुनाव में उन्होंने 49 हजार सीटों से जीत हासिल की थी। उनके सामने कांग्रेस के प्रफुल्ल गुडाढ़े हैं, जिनकी स्थानीय पकड़ काफी बेहतर है।

कोपरी-पचपखड़ी: एकनाथ शिंदे बनाम केदार दिघे
ठाणे के इस विधानसभा सीट पर भी मुकाबला काफी हाई-फाई है। यहां पर सीएम एकनाथ शिंदे की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। शिंदे के सामने उनके गुरु आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे हैं। शिंदे अक्सर आनंद दिघे को अपना राजनैतिक गुरु बताते हैं। उन्होंने दिघे के जीवन पर बनी फिल्म को भी फाइनेंस किया था।