दिवाली के त्योहार को लेकर देश भर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर देशवासियों को बधाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि देशवासियों को दीपावली की अनेकानेक शुभकामनाएं. रोशनी के इस दिव्य उत्सव पर मैं हर किसी के स्वस्थ, सुखमय और सौभाग्यपूर्ण जीवन की कामना करता हूं. मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की कृपा से सबका कल्याण हो।
500 साल बाद आई है यह पावन घड़ी
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद यह पहली दिवाली है और यह पावन घड़ी राम भक्तों के अनगिनत बलिदान और तपस्या के बाद 500 वर्षों के बाद आई है.श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की एक पोस्ट को टैग करते हुए मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अलौकिक अयोध्या! मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के अपने भव्य मंदिर में विराजने के बाद यह पहली दीपावली है। अयोध्या में श्री रामलला के मंदिर की यह अनुपम छटा हर किसी को अभिभूत करने वाली है.”
उन्होंने कहा, ‘‘500 वर्षों के पश्चात यह पावन घड़ी रामभक्तों के अनगिनत बलिदान और अनवरत त्याग-तपस्या के बाद आई है. हमारा सौभाग्य है कि हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने हैं. मुझे विश्वास है कि प्रभु श्री राम का जीवन और उनके आदर्श विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में देशवासियों के लिए प्रेरणापुंज बने रहेंगे.” श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अपनी पोस्ट में रोशनी से जगमगाते मंदिर की तस्वीरें साझा कीं. मोदी ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में अयोध्या में दीप प्रज्वलित कर मनाए जा रहे दीपोत्सव की भी सराहना की.
उन्होंने कहा, ‘‘अद्भुत, अतुलनीय और अकल्पनीय! भव्य-दिव्य दीपोत्सव के लिए अयोध्यावासियों को बहुत-बहुत बधाई! लाखों दीयों से आलोकित रामलला की पावन जन्मस्थली पर यह ज्योतिपर्व भावविभोर कर देने वाला है। अयोध्या धाम से निकला यह प्रकाशपुंज देशभर के मेरे परिवारजनों में नया जोश और नई ऊर्जा भरेगा। मेरी कामना है कि भगवान श्री राम समस्त देशवासियों को सुख-समृद्धि और यशस्वी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें.”
जनवरी में अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया था. लाखों लोगों ने अपने घरों और आस-पड़ोस के मंदिरों में टेलीविजन पर इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखा था और इस ऐतिहासिक क्षण का आनंद उठाया था।